गुरुवार, 16 जुलाई 2020

मर्डर या एनकाउटर ?

            विकास दुबे जिसे विकास पंडित के नाम से भी जाना है वो हिस्ट्रीशीटर उत्तर प्रदेश कानपुर जिला में गैगस्टर से नेता बना था। पहला अपराधिक मामला १९९० के दशक से सुरुआत हुई और २०२० आते -आते उनके नाम ६० से अधिक आपराधिक मामले दर्जे हो गए। मिडिया के अनुसार अपने राजनेतिक सम्बन्ध के कारण दुबे को अधिकांश हत्याओ मे बरी कर दिया गया, बावजूद कई गवाहो की मौजुदगी है। दुबे को विकास पंडित के नाम से भी जाना जाता था , जिसका नाम १९९९ की एक फिल्म अर्जुन पंडित के  शिर्षक चरित्र पर पड़ा। 
              वह चर्चा जब आया तब दुबे और उनके लोगो को गिरफ्तार करने के प्रयास के दौरान एक पुलिस अधिक्षक (DSP) सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए और सात पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। शव परीक्षण रिपोर्ट मे पता चला की DSP की बेहरमी से हत्या की गई थी। कानपूर के IGP ने कहा कि कम कम ६० लोगो ने पुलिस पर घात लगाकर हमला किया। कॉल रिकार्ड से पता चला कि दुर्ब कई पुलिस वालो के संपर्क में था, जिन्होंने उसे जानकारी की। इसके बाद प्रशासन ने उसके घर को उसी के बुलडोजर से ढहा दिया, तब दुबे और उनके साथियो को ९ जुलाई २०२० को मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर मे पकड़ा गया।
          जब से १५ सवाल जहा UP पुलिस को 

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