गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

shayari / joke

अपनी तो जिन्दगी की अजीब कहानी है,
 जिस चीज को चाहा वो ही बेगानी है,
हँसते भी हैं तो दुनियाँ को दिखाने के लिए,
 वरना दुनियाँ डुब जाए आँखों में इतना पानी है..



किसी की चाहत पर दिल से अमल करना,
 दिल टुटे ना उसका इतनी फिक्र करना..
ये जिन्दगी खास है सबके लिए..
 पर आप जिनके लिए खास है...
............. उनकी कदर करना....



तेरी एक हँसी पे ये दिल कुर्बान कर जाऊँ,
 ऐतराज ना हो अगर तो तेरा दिल चुरा ले जाऊँ,
ना बहने दुँ कभी इन आँखों से आँसू,
 तु कहे तो तेरे सारे सितम सह जाऊँ।
हँसता हुआ रखूँ तेरे लबों को हमेशा,
 छू कर जिन्हें वो प्यारी मुस्कान दे जाऊँ,
दिल से लगा के रखूँ तुम्हें,
 मन तो करता है तुम्हें खो जाऊँ,
सुनता ही रहूँ तुम्हारी धड़कनों को,
 और अपने दिल की हर बात कह जाऊँ,
गम को कभी करीब ना आने दूँ,
 और तुम्हें जिन्दगी की खुशीयाँ तमाम दे जाऊँ



ठुकरा के उसने मुझको,
कहा कि मुस्कुराओ..
मैं हँस दिया...
आखिर सवाल उसकी खुशी का था।
मैने खोया वो जो मेरा था ही नही,
उसमे खोया वो जो सिर्फ उसी का था..


क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गम को बांट लेते है दोस्त,
ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा,
फिर भी जिन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त..



खुदा अगर मेरी आखिरी खुवाईश पूछे..
तो तेरी हँसीं माँग लूँ......
आखिरी दुआ पूछे....
तो तेरे लिए खुशी माँग लूँ....
दुबारा जनम दे...
तो पहले मैं तेरा प्यार माँग लूँ.
खुदा अगर मेरी आखिरी खुवाईश पूछे..
तो तेरी हँसीं माँग लूँ......
आखिरी दुआ पूछे....
तो तेरे लिए खुशी माँग लूँ....
दुबारा जनम दे...
तो पहले मैं तेरा प्यार माँग लूँ...

नेताजी मरकर सीधे नर्क पहुंचे।
यमदूत ने कहा : यहां तीन कमरे हैं , खुद ही तय कर लो , किस में रहना है।
पहले में गए तो वहां आग और धुआं भरा हुआ था। सांस लेना भी दूभर।
नेता जी ने कहा : यहां नहीं , दूसरे कमरे में चलो।
दूसरे कमरे में यमदूत बेरहमी से सबकी पिटाई कर रहा था।
वहां का नजारा देखकर नेताजी के होश उड़ गए , डर कर बोले तीसरे कमरे में चलो।

तीसरे कमरे में सब कुछ शांत था। लोग आराम से बैठे खा - पी रहे थे।
नेताजी ने कहा : यहीं ठीक है। वह भी भीड़ में घुस गए। एक कप कॉफी लेकर आराम से कुर्सी पर बैठकर सिप करना शुरू ही किया था कि लाउडस्पीकर पर अनाउंस हुआ : लंच टाइम खत्म , पिटाई शुरू।